हर एक शख्स में तेरा चेहरा देखा है !
मैंने चेहरों में तुझको बदलते देखा है !!
यूं जानने का शौक तो दुनियां को हमें न था कभी कोई!
तेरे जाने के बाद जहां भर को अपने अन्दर आते देखा है !!
सुना था बुजुर्गों से मौसम ही बदलता है हर मौसम में पर !
तमीजदारों की तमीजों को भी जहालत में बदलते देखा है!
मुसीबतों में भी जो साथ छोड़ ना पाते थे कभी !
हमने उन दोस्तों को भी दर वक्त बदलते देखा है !
सोचता हूं अब राब्ता ही ना रखूं इस दुनिया से कोई !
पर क्या करूं हर सुबह अपनी सोच बदलते देखा है !!
हर इक शख्स में तेरा चेहरा देखा है !
मैंने चेहरों में तुझको बदलते देखा है !!
- रूपेश
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