उस गली से गुज़रते हुए ,
बंद कर लेता हूँ अपनी आँखों को मैं ,
और थाम लेता हूँ अपनी तेज़ साँसे ,
सुना है उस गली में ,
मेरा यार रहता है.....
उन दरख्तों और दीवारों ,
पे लिखे हर हर्फ़ को पड़ता हूँ गौर से ,
पता है उनमे उस घर का ,
जहाँ मेरा प्यार रहता हैं !
गलियां तो गलियां है ,
एक दिन गुज़र ही जानी है ,
पर फिर भी नज़रो पे ,
दीदार ऐ यार रहता है !
चलता हूँ खुद को ढो के उनकी याद में ,
फिर उस वस्ल का इंतज़ार रहता है !
इस गली में न आने की
खाता हूँ फिर फिर कसमें ,
सुना है इस गली में ,
मेरा यार रहता है .....!!!
रूपेश श्रीवास्तव २८/०२/२०१२
सर्वाधिकार सुरक्षित
बंद कर लेता हूँ अपनी आँखों को मैं ,
और थाम लेता हूँ अपनी तेज़ साँसे ,
सुना है उस गली में ,
मेरा यार रहता है.....
उन दरख्तों और दीवारों ,
पे लिखे हर हर्फ़ को पड़ता हूँ गौर से ,
पता है उनमे उस घर का ,
जहाँ मेरा प्यार रहता हैं !
गलियां तो गलियां है ,
एक दिन गुज़र ही जानी है ,
पर फिर भी नज़रो पे ,
दीदार ऐ यार रहता है !
चलता हूँ खुद को ढो के उनकी याद में ,
फिर उस वस्ल का इंतज़ार रहता है !
इस गली में न आने की
खाता हूँ फिर फिर कसमें ,
सुना है इस गली में ,
मेरा यार रहता है .....!!!
रूपेश श्रीवास्तव २८/०२/२०१२
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