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शुक्रवार, 1 मई 2009

अपनी बात

मेरे जीवन के इस छोटे सफर में अब तक जो भी पड़ाव आए हैं ........
उन्ही से मिले अनुभवों को लिखने का प्रयास मैं कर रहा हूँ ,...अनुभव स्वयं में अच्छे या बुरे नही होते ये तो हमारी अपेक्षाएं हैं जो उन्हें अच्छा या बुरा सिद्ध कराती हैं ..........एवं अपेक्षाओं के पैमाने व्यक्तित्वों के अनुसार बदलते रहते हैं ......
अतः निश्चित रूप से मेरे अनुभव मेरे व्यक्तित्व के दर्पण होंगे ...........
- रुपेश श्रीवास्तव .......

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