कौन कहता है प्यार अँधा होता है ? देखा है मैंने तुम्हें कई बार , चांदनी रातों में जगमगाते सितारों की चमक , लगती हैं मुझे तुम्हारे आँखों के पुतलियों जैसी दरख्तों के पीछे से झांकता चाँद , दिलाता है याद मुझे , तुम्हारे मुस्कुराते चेहरे की सुबह की चमकती ओस की बूंदे , घने बादलों से ढका आसमान और हाँ ढलती शाम का सूरज , इन सभी में पाता हूँ झलक तुम्हारे ही शख्सियत की , कई बैचन रातें गुज़ारी हैं मैंने इन सभी में तुझको देख कर और लोग कहते हैं कि प्यार अँधा होता है !!! - रूपेश १५/०४/२०१२
मेरे जीवन के इस छोटे से सफ़र में अब तक जो भी पड़ाव आये हैं ,,,,,,,उन्हीं से मिले अनुभवों को लिखने का प्रयास मैं कर रहा हूँ........अनुभव स्वयं में अच्छे या बुरे नहीं होते.....ये तो हमारी अपेक्षाएं हैं जो उन्हें अच्छा या बुरा सिद्ध कराती हैं......एवं अपेक्षाओं के पैमाने व्यक्तित्वों के अनुसार बदलते रहते हैं.......... अतः निश्चित रूप से मेरे अनुभव मेरे व्यक्तित्व के दर्पण होंगे.....!!! ..........रूपेश .